हिन्दी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, निदेशक और लेखक गिरीश कर्नाड की आज जयंती है। बता दें कि उनका जन्म  महाराष्ट्र के माथरेन में 19 मई 1938 को हुआ था। हिन्दी फिल्मों के अलावा उन्होंने कई दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी काम किया था।

बता दें कि निशांत और मंथन जैसे कालयजी फिल्मों के जरिए उन्होंने लोगों के दिलों पर एक गहरी छाप छोड़ी। सिर्फ 22 साल की उम्र में पहला नाटक लिखने वाले गिरीश जैसा कलाकार-साहित्यकार मिलना आज के दौर में मुश्किल है।

गिरीश कर्नाड एक उम्दा कलाकार होने के साथ ही, कई सामाजिक मुद्दों पर भी बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत 1970 में संस्कार से की थी। यह फिल्म कन्नड़ में रिलीज हुई थी। 

1975 में निशांत और 1976 में मंथन फिल्म में अपनी यादगार भूमिका के बाज, उन्होंने मालगुड़ी डेज’ और ‘टर्निंग प्वाइंट’ के होस्ट के रूप में लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई। 

बता दें कि आर के नारायणन की किताब पर आधारित धारावाहिक ‘मालगुड़ी डेज’ में उन्होंने स्वामी के पिता की भूमिका निभाई थी। यह शो दूरदर्शन पर आता था। इसके बाद 1990 के दौर में साइंस पर आधारित शो टर्निंग प्वाइंट ने उन्हें एक नई पहचान दी। 

चार दशकों से भी अधिक समय तक कला एवं फिल्म से जुड़े रहने के बाद गिरीशन ने 10 जून 2019 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह आखिरी बार 2017 में आई फिल्म टाइगर जिंदा है में नजर आए थे। उन्होंने अपने करियर में चार फिल्म फेयर अवॉर्ड अपने नाम किया। इसके अलावा उन्हें  पद्मश्री, पद्म भूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

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