फ्रांस की राजधानी पेरिस में 75वें कान्स फिल्म फेस्टिवल जारी है। बता दें कि इस दौरान स्वीडन के डायरेक्टर रूबेन ओसलुंड को उनकी फिल्म ‘ट्रांएगल ऑफ सैडनेस’ के लिए बेस्ट फिल्म का पाम डि ओर अवॉर्ड दिया गया है। बता दें कि उन्हें 2017 में भी ‘द स्क्वेयर’ फिल्म के लिए इस पुरस्कार को अपने नाम किया था।
वहीं, इस फिल्म फेस्टिवल के दौरान शौनक सेन की डाक्यूमेंट्री All That Breathes को गोल्डन आई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। बता दें कि शौनक मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं और उनकी पढ़ाई दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से हुई थी।
गोल्डन आई अवॉर्ड के अलावा शौनक सेन को सनडांस फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड जूरी जैसे कई दूसरे पुरस्कार भी मिले हैं। बता दें कि इस डॉक्यूमेंट्री में दिल्ली के दो भाइयों की कहानी दिखाई गई है जो घायल पक्षियों, खासकर चीलों का इलाज कर उनकी जान बचाते हैं। इस डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि पर्यावरण प्रदूषण के कारण दिल्ली से चील कैसे गायब होते जा रहे हैं।
88 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री के लिए शौनक को इनाम में करीब 5 हजार यूरो मिले हैं।
बता दें कि 2020 में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद , यह पहला ऐसा बड़ा फिल्म फेस्टिवल था, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। बता दें कि इस बार ऑफिशियल सिलेक्शन में भारत की कुल चार फिल्में थी। जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।
कान्स क्लासिक में इंडियन नेशनल फिल्म आर्काइव (पुणे) द्वारा संरक्षित सत्यजीत राय की बांग्ला फिल्म ‘प्रतिद्वंद्वी’ (1970) और शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर द्वारा संरक्षित जी अरविंदम की मलयालम फिल्म ‘थम्प, द सर्कस टेंट (1978) दिखाई गई।