मलयालम सिनेमा के जाने-माने गीतकार बिचु थिरुमाला का शुक्रवार को हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया। वे कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स से जूझ रहे थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। अपनी काव्य गुणवत्ता के लिए जाने जाने वाले लोकप्रिय गीतकार ने 80 साल की उम्र में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। थिरुमाला 1970 से 1990 के दशक तक मलयालम सिनेमा में एक गीतकार के रूप में विपुल थे, उन्होंने लगभग 3000 फिल्मी गीतों के साथ-साथ कई भक्ति गीतों को को भी लिखा है। उन्होंने एमएसबाबूराज से लेकर ए आर रहमान तक कई संगीतकारों के साथ काम किया है।

अपनी लेखनी के जरिए वे सभी प्रकार की परिस्थितियों के अनुरूप शब्दों को ढालने में माहिर थे। ‘थेनम वयंबम’ के ‘ओट्टक्कंबी नादम’, ‘पदकली’ जैसे गीतों की लिरिक्स के जरिए उन्हें खूब सराहा गया। थिरुमाला साल 1981 में ‘थेनम वयंबम’ और ‘तृष्णा’ के लिए और फिर 1991 में ‘कदिनजूल कल्याणम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकारों के स्टेट फिल्म अवॉर्ड से नवाजे गए थे। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘बिचु थिरुमाला ने अपने गीतों के माध्यम से फिल्म संगीत को लोगों के करीब लाए।’

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