बीते दिनों अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के हटने के बाद, तालिबान (Taliban) का कब्जा हो गया था। जिसके बाद वहाँ की हालत काफी नाजुक है। तालिबानी लड़ाके महिलाओं और बच्चों पर अपना जुर्म कर रहे हैं, जिससे हर तरफ दहशत का माहौल है।
अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के कब्जे को लेकर पूरी दुनिया में चिन्ता का माहौल है, तो कई लोग इंसानियत को ताक पर रख कर, तालिबानियों की सराहना भी कर रहे हैं। जिसकी हिन्दी सिनेमा के महान अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने तीखी शब्दों में आलोचना की है।
नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने तालिबानियों को सराहने वाले भारतीय मुसलमानों पर निशाना साधते हुए, एक वीडियो जारी कर कहा कि भारतीय इस्लाम और दुनिया के अन्य हिस्सों के इस्लाम के बीच काफी फर्क है और अफगानिस्तान पर तालिबान का फिर से कब्जा कर लेना एक चिन्ता का विषय है।
वह कहते हैं कि भारत के मुसलमान अपने धर्म में सुधार लाना चाहते हैं या पिछली सदियों के वहशीपन के साथ जीना चाहते हैं? इनका तालिबानी बर्बरता को लेकर जश्न मानना काफी खतरनाक है।
उन्होंने चिन्ता जताई है कि भारतीय इस्लाम दुनिया के इस्लाम से हमेशा काफी अलग रहा है, खुदा वो वक्त कभी न लाए कि वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान न सकें। आज यहाँ के मुसलमानों को खुद से पूछना चाहिए कि इस्लाम में सुधार और आधुनिकता चाहिए या पिछली सदी का वहशीपन?
नसीरुद्दीन अंत में कहते हैं, ”मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ, और जैसा मिर्जा गालिब ने अर्से पहले कहा था कि मेरे अल्लाह के साथ मेरा रिश्ता अनौपचारिक है। मुझे किसी सियासी मजहब की जरूरत नहीं है।”
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