दक्षिण भारतीय फिल्मों के महानायक कहे जाने वाले रजनीकांत (Rajinikanth) को प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बात की घोषणा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की। 71 वर्षीय रजनी को यह पुरस्कार आगामी 3 मई को दिया जाएगा।
बता दें कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार को सिनेमा जगत का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। इस बार यह पुरस्कार साल 2019 के लिए दी जा रही है। क्योंकि, पिछले साल कोरोना महामारी के कारण इस पुरस्कार का ऐलान नहीं हो सका था।
रजनीकांत (Rajinikanth) जबरदस्त अभिनय के अलावा अपने अलग अंदाज के कारण भी हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं और पूरी दुनिया में मौजूद उनके प्रशंसकों को उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतजार रहता है।
उनका वास्तविक नाम शिवाजी है और बेंगलुरु के एक बेहद गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद भी सिनेमा जगत में अपनी कड़ी मेहनत और लगन से एक अलग पहचान बनाई। आलम यह है कि दक्षिण भारत में लोग उन्हें भगवान मानते हैं।
उनकी पहली फिल्म अपूर्वा रागनगाल थी, जो तमिल में थी। शुरुआती दिनों में उन्हें अधिकांशतः खलनायक के रोल मिलते थे, लेकिन 1978 में भैरवी फिल्म ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई और वह देखते ही देखते एक स्टार बन गए।
फिल्मों की दुनिया में उनके उल्लेखनीय योगदानों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यहाँ तक 2000 में उन्हें पद्म भूषण और 2014 में सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर से भी सम्मानित किया जा चुका है।
पिछले कुछ अर्से से, रजनीकांत को लेकर चर्चा थी कि वह राजनीति की दुनिया में कदम रखने वाले हैं। लेकिन, पिछले साल उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति से दूर ही रहेंगे।
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