विपुल अमृतलाल शाह ‘द केरल स्टोरी’ की सफलता के बाद एक और फिल्म लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म का नाम ‘बस्तर-द नक्सल स्टोरी’ है। ये फिल्म भी असल घटनाओं पर आधारित है। फिल्म की रिलीज में एक दिन ही बचा है। मेकर्स फिल्म के प्रमोशन में जोर-शोर से लगे हुए हैं। इसी कड़ी में बीते दिन दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) पहुंचे, जहां फिल्म की खास स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था। फिल्म की स्क्रीनिंग के बीच ही कुछ शरारती तत्वों ने बाधा पैदा करने की कोशिश की। बीच स्क्रीनिंग में बिजली काटी गई।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में राष्ट्रीय कला मंच द्वारा ‘बस्तर’ फिल्म की प्री रिलीज स्क्रीनिंग बुधवार को रखी गई थी। इस खास स्क्रीनिंग के लिए फिल्म की टीम पहुंची थी। स्क्रीनिंग के दौरान फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन खुद भी मौजूद रहे। फिल्म में देश में माओवादी आतंक से ग्रस्त एक छत्तीगढ़ के बस्तर की कहानी दिखाई गई है। स्क्रीनिंग आयोजित करवाने वाले छात्रों का कहना है कि इस दौरान कई बार शरारती तत्वों एवं जेएनयू प्रशासन द्वारा बिजली काटने की कोशिश की गई, दो बार बिजली काटी भी गई, लेकिन फिर भी छात्रों ने फिल्म की पूरी स्क्रीनिंग देखी।

राष्ट्रीय कला मंच (आरकेएम) के संयोजक गौरव ने बताया कि जेएनयू के छात्रों को यह फिल्म बहुत अच्छी लगी। यह खचाखच भरे हॉल और छात्रों के उत्साह से जाना जा सकता है। इस फिल्म को दिखाने का उद्देश्य वामपंथियों के सच को छात्रों के मध्य से उजागर करना था। जेएनयू में इसका महत्व और इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि मुट्ठी भर वामपंथियों द्वारा जेएनयू के छात्रों को भी कई बार दिग्भ्रमित और प्रताड़ित भी किया जाता है।

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