कोरोना वैश्विक महामारी के बीच फंगल इंफेक्शन के कहर ने लोगों की चिंताओं को ओर बढ़ा दिया है। देश के कई राज्यों से ब्लैक फंगस के काफी मामले सामने आ रहे हैं। यहाँ तक कि राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु जैसे राज्यों ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया। राज्य सरकार ब्लैक फंगस से निपटने के लिए अभी तैयारी कर ही रही थी कि व्हाइट फंगस (White Fungus) के बढ़ते मामले ने मुश्किलों को और बढ़ा दिया।
डॉक्टरों का मानना है कि व्हाइट फंगस (White Fungus) ब्लैक फंगस से ज्यादा घातक है, क्योंकि यह फेफड़े और दिमाग से लेकर शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है।
इसके अलावा, यह जरूरी भी नहीं है कि जो इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, वह पहले कोरोना वायरस की चपेट में आएं हों।
क्या हैं इसके लक्षण?
फेफड़े पर असर होने के कारण इसके लक्षण कोविड-19 जैसे होते हैं, जैसे – साँस फूलना या सीने में दर्द।
शरीर के जोड़ पर दर्द होता है। कई बार दिमाग पर असर होने के बाद, सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। इस वजह से जल्दी फैसला लेने और बोलने में दिक्कत होती है।
इसके अलावा, शरीर के कई हिस्सों में फोड़े होने के साथ ही, उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं।
लक्षण दिखे तो क्या करें?
अगर आपको व्हाइट फंगस के लक्षण दिखे, तो घरेलू उपचार से बचें, नहीं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
क्या करें उपाय?
जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें इससे अधिक संक्रमित होने का खतरा रहता है। इस लिए अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन का इस्तेमाल करें।
इसके अलावा, अपने आस-पास साफ-सफाई का ध्यान रखें और दूषित पानी के इस्तेमाल से बचें।
लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे लोगों या डायबिटीज के मरीजों को विशेष रूप से सावधानी रहना चाहिए।
साथ ही, महिलाओं में इसके संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है और उनमें यह ल्यूकोरिया यानी जननांग से सफेद स्राव के रूप में दिखता है।
इस बीमारी के इलाज एंटी-फंगल दवाओं से होता है।
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