गुरुवार को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक बड़ा नुकसान हुआ है. बता दें कि बीते दिन तेलुगू फिल्मों के महान निर्देशक विश्ननाथ का निधन हो गया. वह 92 साल के थे. बता दें कि उनकी मौत हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुई.

विश्वनाथ को 2016 में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड और 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उन्होंने  अपने करियर में 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड, पांच नेशनल अवॉर्ड और पांच नंदी अवॉर्ड अपने नाम किये.

उन्होंने ‘सिरी सिरी मुव्वा’ ‘शंकरभरणम’, ‘सागर संगमम’, ‘स्वाति मुथ्यम’, ‘सिरी वेनेला’, ‘स्वयं कृषि’,’स्वर्ण कमलम’, और ‘अपदभंडवुडु’ सहित कई फिल्मों में निर्देशक का काम किए हैं. वह 2000 के दशक की कई सफल फिल्मों में दिखाई दिए. के विश्वनाथ का जन्म 19 फरवरी, 1930 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रेपल्ले गांव में हुआ था, उन्होंने मद्रास में वाउहिनी स्टूडियो में एक साउंड रिकॉर्डिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया, जहां उनके पिता एक सहयोगी थे. 

बाद में, उन्होंने निर्देशक अदुर्थी सुब्बा राव के सहायक के रूप में काम किया. 1965 में उन्होंने अपनी पहली फीचर फिल्म का निर्देशन किया, जिसका शीर्षक था “आत्मा गोवरवम.”

उन्दम्मा बोट्टू पेड़ता, चेल्लेली कपूरम, चिन्नानती स्नेहितुलु, नेरम शिक्षा, निंदु दम्पाथुलु, शारदा, और जीवन ज्योति कुछ अन्य फिल्में थीं जिन्हें उन्होंने निर्देशित किया, जिनमें से सभी ने उनकी बढ़ती प्रतिष्ठा में योगदान दिया.

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